Friday, September 26, 2014

फ़ेसबुक से कतरे ...

चाँद अब रहता है देर तक सुबह होने के बाद भी
कहीं सूरज की तबियत तो खराब नहीं जाड़े में ....

या कि चाँद पर लोगों के जमीन ले लेने से
चाँद को जगह लेनी पड़ी सूरज से भाड़े मे...
-अर्चना


सोचा था,
आज मैं
चुप ही रहूंगी
कुछ न कहूंगी
पर तुम हो न!
बस! सुनने का
ठेका लिए बैठे हो
कभी तो दो शब्द बोलो
कि मैं सुनूँ "प्रेम"....

-अर्चना

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