कल स्कूल के लिए कुछ सामान खरीदने गई, वहाँ पिता बैठे थे कहा दस मिनट रूकना होगा बेटा आ रहा है ,वही फाईनल करेगा , वहीं एक गुडिया दिखी ,हाथ में माइक पकड़े..... गाने वाली और उसने बताया कि चलती भी है ... सुन्दर लगी, मायरा के लिए लेने का मन हुआ .दाम लिखा था ४८५ रूपए .मैंने दाम पूछा ,उन्होंने बताया १५० रूपये की ..
वहाँ दो छोटे बच्चे भी थे जो शायद उनके बेटे के बेटे थे ...बातचीत में पता चला कि वे स्कूल छोड़ चुके हैं चौथी पढ़ने के बाद .
कुछ देर में बेटा आ गया ...
भावताव करने के बाद स्कूल का सामान ले लिया , उससे कहा -बच्चे स्कूल नहीं जाते वो बोला -..उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता .......मगर उसी समय बच्चों ने हँसते हुए बोले ---ओ.ओ.ओ.ओ.ओ... आप ही बोलते हो क्या करेगा स्कूल जाके ..काम सीख
मैने गुड़िया दिखाने का कहा, बोला १८० रूपये की ... मैंने कहा अभी तो पिताजी ने १५० बताया ...बेटा उन पर खूब नाराज हुआ हमारे सामने ही उन्हें जोर से डाँटा ,बोला मालूम नहीं हो तो बोला मत करो ... हमने कहा भैया कोई बात नहीं हो गई होगी गलती ..मगर वो बोलते गया - जितने में ली उससे भी कम बताएंगे तो कमाएंगे क्या?
खैर ..हमने उसे चुप करा एक दूसरी गुड़िया ले ली .... फिर भी मन उस पर अटका था ...कहा यही दोगे १५० में ..बोला नहीं ..... जब हम चलने को हुए तो बोला १६० में लेना हो तो ले लीजिए ,इस बार मैंने मना किया कहा- एक तो ले चुकी अब रहने ही दो .... फिर १५० पर राजी हुआ मैंने कहा -चलाकर दिखाएंगे क्या?
वो बोला लेने का पक्का हो तो चालू करके दिखाएगा .... मेरे हाँ कहने पर दो नए पेकेट से चाईना सेल डाले और चलाकर दिखाई ,चली नहीं पर गा रही थी -धूम मचा ले धूम मचा ले ! ... उसने वो पीस बदला दूसरी लाया ,इस बार गा भी रही थी ,चल भी रही थी .... मैंंने कहा- दे दो ...
उसने सेल निकाले... मैंने पूछा सेल ?
बोला ये तो चाईना सेल है ,नकली आप एवरेडी के डालियेगा ,तब इसकी स्पीड देखियेगा ... सेल इसके साथ नहीं देते हम .....खैर ! पिता वहीं चुपचाप बैठे थे ...
मुझे मायरा दिख रही थी ...मैंने गुडिया खरीद ली ...कल मायरा घर आने वाली थी तो बाज़ार से नोविनो के दो सेल भी लेकर आई ...
खुशी-खुशी मायरा के सामने पेकेट से सेल निकालकर उसमें लगाए और नीचे रखी ..
गुड़िया नही चली ...पर गा रही थी -धूम मचा ल्के ,धूम मचा ले धूम धूम धूम....
मैंने पेकेट पर दाम देखा लिखा था ८२ रूपए ....
कितना बदलाव आया है बाजार और व्यवहार में ..मैं सोच रही थी ..बेटे ने पिता से सीखा होगा ...
मायरा ५० वाली से ही बहुत खुश थी ..... :-)
वहाँ दो छोटे बच्चे भी थे जो शायद उनके बेटे के बेटे थे ...बातचीत में पता चला कि वे स्कूल छोड़ चुके हैं चौथी पढ़ने के बाद .
कुछ देर में बेटा आ गया ...
भावताव करने के बाद स्कूल का सामान ले लिया , उससे कहा -बच्चे स्कूल नहीं जाते वो बोला -..उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता .......मगर उसी समय बच्चों ने हँसते हुए बोले ---ओ.ओ.ओ.ओ.ओ... आप ही बोलते हो क्या करेगा स्कूल जाके ..काम सीख
मैने गुड़िया दिखाने का कहा, बोला १८० रूपये की ... मैंने कहा अभी तो पिताजी ने १५० बताया ...बेटा उन पर खूब नाराज हुआ हमारे सामने ही उन्हें जोर से डाँटा ,बोला मालूम नहीं हो तो बोला मत करो ... हमने कहा भैया कोई बात नहीं हो गई होगी गलती ..मगर वो बोलते गया - जितने में ली उससे भी कम बताएंगे तो कमाएंगे क्या?
खैर ..हमने उसे चुप करा एक दूसरी गुड़िया ले ली .... फिर भी मन उस पर अटका था ...कहा यही दोगे १५० में ..बोला नहीं ..... जब हम चलने को हुए तो बोला १६० में लेना हो तो ले लीजिए ,इस बार मैंने मना किया कहा- एक तो ले चुकी अब रहने ही दो .... फिर १५० पर राजी हुआ मैंने कहा -चलाकर दिखाएंगे क्या?
वो बोला लेने का पक्का हो तो चालू करके दिखाएगा .... मेरे हाँ कहने पर दो नए पेकेट से चाईना सेल डाले और चलाकर दिखाई ,चली नहीं पर गा रही थी -धूम मचा ले धूम मचा ले ! ... उसने वो पीस बदला दूसरी लाया ,इस बार गा भी रही थी ,चल भी रही थी .... मैंंने कहा- दे दो ...
उसने सेल निकाले... मैंने पूछा सेल ?
बोला ये तो चाईना सेल है ,नकली आप एवरेडी के डालियेगा ,तब इसकी स्पीड देखियेगा ... सेल इसके साथ नहीं देते हम .....खैर ! पिता वहीं चुपचाप बैठे थे ...
मुझे मायरा दिख रही थी ...मैंने गुडिया खरीद ली ...कल मायरा घर आने वाली थी तो बाज़ार से नोविनो के दो सेल भी लेकर आई ...
खुशी-खुशी मायरा के सामने पेकेट से सेल निकालकर उसमें लगाए और नीचे रखी ..
गुड़िया नही चली ...पर गा रही थी -धूम मचा ल्के ,धूम मचा ले धूम धूम धूम....
मैंने पेकेट पर दाम देखा लिखा था ८२ रूपए ....
कितना बदलाव आया है बाजार और व्यवहार में ..मैं सोच रही थी ..बेटे ने पिता से सीखा होगा ...
मायरा ५० वाली से ही बहुत खुश थी ..... :-)