न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे,
न ही किसी कविता के,
और न किसी कहानी या लेख को मै जानती,
बस जब भी और जो भी दिल मे आता है,
लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Friday, December 18, 2015
कबूतरों को उड़ाने से क्या ?
चलते-चलते नामक ब्लॉग लिखते हैंकेवलराम ....और ब्लॉग पर क्या-क्या लिखते हैं ये आप वहीं जाकर पढ़े तो बेहतर जान पाएंगे ये पोस्ट बहुत पहले रिकार्ड की थी ..आज इसे आपको सुनने के लिए यहाँ लाई हूँ ...
No comments:
Post a Comment