Tuesday, July 26, 2016

फिर मिलेंगे ...

एक पुराने फोटो के सामने आने पर गौर किया -

बेटे का ध्यान माँ  पर है और बेटी का पापा पर .... 




1992 में 
और ये टी शर्ट अब तक है मेरे आलमारी में -

26 जुलाई 2016 में 



बिछुड़ने के पल

होते हैं उदासी भरे
और शुरू होता है
यादों का कारवाँ यहीं से



एक आस टूटती है
एक साँस छूटती है
और हो जाता है सफर 
शुरू अनन्त का



न ओर है ,न छोर है
बस! तुम्हारे प्रेम की डोर है



आउँगा वापस
सिर्फ़ तुम्हारे लिए
तुम न रोना
न उदास ही होना
उम्मीद का दामन
थामें रखना
इसी जगह
इसी तरह



हम किसी भी पल
फिर मिलेंगे ...



-अर्चना

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