सवेरे उठते ही तमाम चिंता रहती है दोस्तों की ,बस उसी लिए 'इधर' आता हूँ । पता नहीं अनूप शुक्ल जबलपुर पहुंचे ,चल तो दिए थे कानपुर से । Kajal जी ने नया कुछ बनाया , अर्चना जी ने कोई फोटू खीची , वंदना जी का नानू भूखा तो नहीं , Shekhar का पराठा जल तो नहीं गया , Shikha को कोई चेक मिला लन्दन डायरी में छपने का कि नहीं , Anulataजी की स्मृतियों में आज कौन , Bs Pabla जी की गाडी ने किसी को ठोंका तो नहीं , गंगापुत्र Gyan Dutt Pandey जी के क्या हाल ,रश्मिजी मुम्बई में मजे में तो हैं, Ashishका बुखार कैसा है , विवेक जी के बेटे लाल का जन्म दिन कैसा रहा ,पारुल की रंगोली को पहला ईनाम मिला कि नहीं ,मुकेश ने दुबारा फिर सिगरेट तो नहीं पी ,शिवम आज किस फौजी की जीवनी ले कर आयेंगे ,अजय की कचेहरी के क्या हाल है आज कल जिम ज्यादा जा रहे हैं बॉडी-शॉडी बनाई जा रही है , लगता है ,निशांत का कोई निशाँ नहीं मिल रहा , सुमन जी की कोई नई पंक्तियाँ तो नहीं आई , सोनल गायब है दीपावली के बाद ,अभिषेक की चित्रगुप्त पूजा कैसी रही ...और न जाने क्या क्या । हाँ , अरविन्द जी की मछलियों के क्या हाल और संतोष जी और अविनाश जी की दिल्ली / दिल के क्या हाल | पद्म जी की बिजली तो दौड़ रही है न ।
इतनी चिंताओं के लिए सवेरे सवेरे फेसबुक पर आता हूँ और डाँट भी खाता हूँ । अब न्याय आपके हाथ ।
इतनी चिंताओं के लिए सवेरे सवेरे फेसबुक पर आता हूँ और डाँट भी खाता हूँ । अब न्याय आपके हाथ ।
"दस से अधिक लोग मेंशन नहीं हो पा रहे हैं इसलिए बाकी लोगों को टैग कर रहा हूँ ।"
4 comments:
बहुत ही उम्दा .... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
यानी समझिये कि हर दिन सबकी चिंता से ही शुरू होता है दिन ...
बहुत खूब!
अरे वाह बहुत खूब !
सही सहेजा
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