Wednesday, November 16, 2016

एक हजार,पांच सौ और चुटकियां


१-
जो लोग कल तक खुश थे- अब दुखी हैं, जो लोग कल तक दुखी थे -अब खुश हैं ।
स्टेटस वही -सोच नई!

२-
नास्तिक लोगों के स्टेटस भी उन्हें(प्रधानमंत्री जी) चमत्कारिक बता रहे हैं। .
३-
 :-)What is in your mind ? जुकरबर्ग अब तो न पूछेगा ? हटा दे इसे .
४-
 :-)बुखार आएगा ! हरारत है। ..किसी को कह भी नहीं सकती.... :-(
न जाने क्या समझ लें 
५-
लोग पैसे कैसे बचाएं के बजाय कैसे नष्ट करें की जानकारी ले और दे रहे है 
६-
दो दिन के हालात -
अपने नाम का पहन के कोट,उसने चली है ऐसी गोट
कि हाय मैं क्या कहूँ
किये बंद अचानक नोट, दबाये रखते थे जो वोट
कि हाय मैं क्या कहूँ ..
दिल में थी जिसके खोट,उसी ने खाई तगड़ी चोट
कि हाय मैं क्या कहूँ ..
पिलायी ऐसी घुट्टी घोट कि सब भागे लेकर लोट
कि हाय मैं क्या कहूँ ..

७-
गुप्त दान के लिए घड़ा रख दूं क्या ? दरवाजे पे
८-
मेरे ब्लॉग पर घूम आओ। .. न पैसा लगेगा न लाइन में खड़े होने का झंझट
९-
 :-)मेरा/तुम्हारा देश बदल रहा है , ... और मैं/आप ?
१०-
स्टेटस लाईक करने वालों ज़रा शान्ति धरो , मीडिया की बुरी नज़र पड़ जाएगी
११-
 :-)जो मेहनती होते हैं ,उन्हें तो फिर से क ,ख ,ग करने में कोई आपत्ती नहीं होती , परेशान होते हैं वे जो थोड़े में ज्यादा पाना चाहते हैं ...
१२-
एटीएम बाबा के सम्मान में --- :-) गीत -तेरे द्वार खड़ा भगवानभगत भर दे रे झोली। ....
एक-एक लाईन
१३-
मैं जहां रह रही हूँ , एकदम गाँव वाला इलाका है ५ से १० किलोमीटर में ३ गाँव हैं और एक बैंक। ..लोग बड़े आराम से लाइन में लगकर एकमात्र एटीएम मशीन से पैसे निकाल रहे हैं और ऐसा लग रहा है की एक आदमी दो-दो कार्ड से निकालने के बाद ही बाहर आ रहा है। .... लेकिन लाइन में खड़े होने में कोई जल्दबाजी नहीं। ... दोपहर भर कोई लाइन भी नहीं शाम कामकाज से लौटने वाले ही कल लाईन में थे। ... मुझे भी अभी जरूरत नहीं
१४-
Rachana बता रही थी कि वो जिस एटीएम में गई थी वहां एक अटेंडेंट सबके कार्ड इंसर्ट करके दे रहा था। ... पिन और पैसा कार्ड धारक डालता तब वो हट जाता। ..फटाफट काम हो रहा है सबका।
१५-
सर्वे करने वालों को सर्वे करना चाहिए कि सबसे ज्यादा अनुशासित शहर /राज्य कौनसा है?, किस शहर के लोग हैं ? वहाँ पढेलिखे व अनपढ़ कितने हैं। ... सबसे ज्यादा खाताधारक वाला राज्य कौनसा है /कौनसी बैंक है ?
१६-
पास में एक जनरल स्टोर वाला ५०० के नोट लेकर सामान दे रहा है। .लोगों की सुविधा के लिए। ..
१७-
कई जगह बहुत अच्छे लोग काम कर रहे हैं, और इस नोट बदलने की प्रक्रिया को आसान बना दे रहे हैं -अपने सहज कामों से। ... जैसे मेरे घर के पास वाला जनरल स्टोर वाला ५०० रूपये अब भी लेकर सामान दे रहा है लोगों की सुविधा के लिए। ... बदल जाएगा बाद में कहते हुए
एक और पार्लर चलाती हैं महिला वे भी ५०० लेकर छुट्टे वापस कर रही है। ... बिना एक्स्ट्रा लिए। ..
आज एक जगह का फोटो देखा था कि चाय पिला रहे थे सरदारजी लाईन में प्रतीक्षारत लोगों को
पदम् सिंह जी ने लिखा था मदद के लिए जाने वाले है। ...
रचना ने बताया की अटेंडेंट कार्ड मशीन में लगाकर देने में मदद कर रहा था एटीमए में। .
आशीष जी की गार्गी का जन्मदिन भी वैसे ही मना। .जैसा उन्होने तय किया था
मेरे जैसे कई लोग नेट बैंकिंग से काम चला रहे हैं। ... जो थोड़े से रूपये हैं उसके लिए इंतज़ार किया जा सकता है। ..
तो थोड़ी सी ही सही पर सकारात्मक बाते राह आसान करती हैं जीवन की। ...
१८-
कम से कम लोगों को अपनी पहचान तो खुद रखनी चाहिए , अपनी आई डी किसी और को न दें। ..
१९-
आनेवाले दिनों में जिनके घर विवाह भोज रखा है, वे उसे एडवांस में कर पुण्यलाभ ले सकते हैं (जिन्हें रुपयों की कमी से खाना तक नहीं नसीब हो रहा 
२०-
एक घोषणा की और दरकार है-
बॉर्डर ..पर बिछाये गए -१००-१०० के नोट। ..जल्दी.  जाईये-जल्दी पाईये। ....
भेड़ें तो उधर भी दौड़ पड़ेंगी।या घर में दबी रहेंगी ......:-)
पर छंट तो जाएंगी ही...
२१-
जिन्हें ज्यादा किल्लत हो रही हो ,वे मंदिरों की सीढ़ियों पर भी लाईन में बैठ सकते हैं, मुसीबत में भगवान ही मदद करते हैं,और उसके यहाँ सब एक सामान -क्या अमीर!-क्या गरीब!
२२-
मेरी कामवाली बाई की लड़की की शादी है १८ को कल से छुट्टी रहेगी एक हफ्ते। ... उससे जब पूछा की कोई परेशानी तो नहीं पैसे को लेकर। ..तो बताया कि जिसको जमीन बेची उसने अभी पैसे नहीं दिए। .. मंडप वाले को २५००० देना है खाना ५०००० , बाकि सामान वगैरह सब अलग। .... पांच लाख तो गोल्ड ही लेना है। ...
खाता तो है ,उसने कार्ड से कभी कुछ खरीदा नहीं। ... कोई दिक्कत नहीं कहती है - गोल्ड तो बाद में भी दे सकती हूँ। .. :-)
मैंने कहा -कुछ राशन वगैरह चाहिए तो खरीदवाकर दे सकते हैं कार्ड से ,बोली- नहीं वो तो सब है , पर मंडप और खाने का सब्जी वगैरह का लगेगा। ..
शादी में कुल १० लाख खर्चा होगा ।
मैंने कहा खर्चा बहुत है कुछ कम कर सकती हो, तो जबाब मिला - ये तो सिंपल शादी है। ...
मतलब -
उसके पास काला तो है सफ़ेद की किल्लत है। ..
२३-
हम शुरू से चिल्लर वाले थे। .अब भी चिल्लर वाले ही भले हैं। ...
२४-
आस्तीनों से साँप बाहर निकल कर आ रहे हैं
अपना जहर अपने अपने बिलों में छुपा रहे हैं
सपेरे ने जाने कौनसी ऐसी बीन पा ली है
साँपों की तो छोड़ों नेवलों को भी नचवा रहे हैं
-अर्चना :-)
२५-
ये तो कुछ भी नहीं, इससे ज्यादा लंबी लाईने तो हमारे यहाँ तीर्थयात्रा और हजयात्रा में लग जाती है। ..
२६-
कोई भी छुट्टा माँगने नहीं आया
२७-
ये वक्त है - संवेदनशीलता,परोपकार ,ईमानदारी,दानशीलता,अपनत्व,आत्मनिर्भरता जैसे गुणों की कसौटी पर खुद को कसने का।.
२८-
ये वक्त है खुद से पूछने का- पैसा कमाया या प्यार ? नोट कमाए या लोग ?
२९-
ये वक्त है बच्चों को मितव्ययिता और फ़िज़ूलख़र्ची में अंतर समझाने का। .
३०-
ये वक्त है बच्चों को बचत और संचयिका का महत्व समझाने का 
३१- 
आखिर १०,२० और ५० जिन्हें दिए जाते रहे वहाँ तो होंगे ही 
३२-
ये वक्त है सीमित और संयुक्त परिवार का महत्व समझने का 
३३- याद करिये और जिस-जिस दूकानदार ने एक रूपये के बदले टॉफी पकड़ाई थी ,हिसाब बराबर कर लीजिये 
३४-
अगर सूचना लगा दी जाए की गुटखा ,तम्बाकू आदि खाने वालों को अलग लाईन में लगना होगा तो आधी लाइन अलग हो जाएगी 
३५-
अब तक एडवांड में दिए पैसों का हिसाब हो रहा है। .... 
उधार दो पर लो मत। ... :-) वाला नियम काम आ रहा है। ... (दूध ,कामवाली,और प्रेसवाले को )
३६-
अब गरीब अमीरों को लूट रहे हैं। ..कलयुग है भाई 


:-)

1 comment:

yashoda Agrawal said...

शुभ प्रभात दीदी
तरो-ताजा हो गई
सच में खून मे इज़ाफ़ा हुआ है ..त्वरित
सादर..