Thursday, July 6, 2017

वंदना अवस्थी दुबे की कहानी - विरुद्ध

http://wwwvandanaadubey.blogspot.in
  से एक कहानी 


3 comments:

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत शुक्रिया अर्चना जी। आपने शायद ध्यान नहीं दिया, अभी तीन-चार महीने पहले ही मैंने इस ब्लॉग पर दो कहानियां- डेरा उखड़ने से पहले और तुलसी तहाँ न जाइये, पोस्ट की हैं 😜😜 :D;)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत ही बढ़िया है.

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही सुंदर आवाज में कहानी सुनायी अर्चना जी, कहानी तो सशक्त है ही, बहुत शुभकामनाएं.
रामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग

प्लीज कैप्चा हटा लिजीये.
सादर