Friday, October 6, 2017

फिर तेरी कहानी याद आई

कल वत्सल का जन्मदिन था,वो 32 का हुआ ,शाम की पूजा के समय मेरा दिल भर आया ,जब तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ था मैं 32 की थी ... 😢 ये आंकड़े भी न ! चैन नहीं लेने देते कभी ....
और तो और शरद पूर्णिमा का चाँद भी न दिखा बारिश की वजह से ... सबको साथ ही रोना आ गया हो जैसे ...😢
परेशानियां हरसिंगार की तरह खिल आती हैं ,झर ही जाएंगी...

दिन तो सदा एक से नहीं होते,तुम्हें और मुझे एक से रहना है ..😊
हँसो यार !!

-अनवरत चलने वाली कहानी का एक टुकड़ा

10 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (07-10-2017) को "ब्लॉग के धुरन्धर" (चर्चा अंक 2750) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

सुशील कुमार जोशी said...

शुभकामनाएं।

pushpendra dwivedi said...

वाह बेहतरीन खूबसूरत शुभकामनाएं।

Shashi said...

Happy birthday to your angel !!

Satish Saxena said...

बहुत खूब , मंगलकामनाएं !!

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

आने वाला समय भी मंगलमय हो

Archana Chaoji said...

धन्यवाद

Archana Chaoji said...

आभार

Archana Chaoji said...

जी,आपका भी ...आभार

Archana Chaoji said...

धन्यवाद