Wednesday, June 24, 2009

-चित्रों भरी कहानी---गुप्तगंगा दर्शन

नासिक यात्रा---मई ०९-----चित्रों भरी कहानी---गुप्तगंगा दर्शन
एक---


रानू , मैं , और निशी-----गुप्तगंगा जाते हुए----त्र्यंब्केश्वर में----चल चला चल!!!








दो---








मैं ,निशी के साथ------दो घडी वो जो पास बैठी!!!!








तीन---




मैं ,निशी के साथ------ये तो कुछ भी नहीं!!!!










चार---




शहर!!!!! वाह्ह्ह!!!!!











पाँच---




शहर!!!!! वो ऊऊऊऊ!!!!!!










:---





निशी गुप्तगंगा के द्वार पर------










सात---





गुप्तागंगा------त्र्यंबकेश्वर (नासिक)---- बोलो ---ओम नम: शिवाय!!!!!




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पहला प्रयास है चित्रों भरी कहानी लिखने का------------

8 comments:

Udan Tashtari said...

अरे, यह तो हमारी निशि है, आपको कैसे मिली? वहीं तो रहती है नासिक में.

Archana Chaoji said...

समीर जी ये तो हमारी निशी है,मिली तो आपको है!!!!हाँ वहीं रहती है नासिक में!!!!!!!!

RC Mishra said...

अच्छी तस्वीरें हैं, हमने भी नासिक घूम लिया!

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर चित्र। और लोग कहां है जी? दीपकजी-रचनाजी!

उन्मुक्त said...

आप सबके साथ, कासिक शहर से भी मिल कर अच्छा लगा।

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर चित्र, चलिये आप ने हमे भी घुमा दिया, बहुत सुंदर लगा, आप सब का साथ

PN Subramanian said...

बहुत ही सुन्दर चित्र. हम भी गए थे और एक पोस्ट भी डाली है परन्तु वहां ऊपर पहाड़ पर नहीं जा पाए थे. साथ के लोगों ने निरुत्साहित कर दिया था. आपके इस पोस्ट को हम देख नहीं पाए थे. आभार.

SANDEEP PANWAR said...

जाट देवता की राम-राम,
चित्र सुंदर लगे,
आपने और कुछ नहीं लिखा,
यात्रा के बारे में भी लिखा करो जी,