Friday, March 27, 2009

कैसा रिश्ता ?? कौनसा धर्म ??? किसके संस्कार ????

नववर्ष के पहले दिन लिखना नहीं चाहती थी इस पोस्ट को ----मगर फ़िर सोचा कुछ अच्छा करने लिए की गई गलतियों से सबक लेना जरूरी है बस इसीलिए-------

ये
घटना मेरी यादों की लिस्ट मे से नहीं है , मगर अब एक कडवी याद जरूर बन गई है------
२५ मार्च ,बुधवार
इंदौर के तमाम बडे अखबारों के
मुखप्रष्ठ की एक खबर ------तिलकनगर में जैन दंपत्ती की हत्या-----इकलौते (शादीशुदा) बेटे ने अपने बचपन के साथी को अपने माता-पिता की हत्या की सुपारी दी------ आठ लाख रुपए दिये------स्वयं के मकान मे लाकर हत्यारे को पहले से छुपाया ----- पिता उद्योगविभाग में कार्यरत , इसी माह की ३१ तारीख को रिटायर होने वाले थे------३१ मार्च को ही पिता का ६०वाँजन्म-दिन------माता-पिता द्वारा जमीन दान देने से नाराज------कारोबार पिता ने शुरू करवाया------ शराब की आदत ------आदि-आदि!!!!!!! ------(१२ घंटे के अंदर सभी को गिरफ़्तार कर लिया गया।)

अच्छे-अच्छों को विचलित कर देने वाली खबर !!!!

हर कोई सोचने को विवश कि कहाँ गलती हुई ??? और किससे ???

और इससे मिला क्या ??? और किसको ???

आठ लाख रूपए------
------शायद आठ परिवार की सालभर की रोजी-रोटी ! ! !
------ कई परिवारों के लिए तो एक सपना ! ! !
------एक किडनी के मरीज का इलाज ! ! !
------कई बच्चों की स्कूल- फ़ीस ! ! !
------किसी के लिए मुआवजा ! ! !
-------एक छोटा-सा घर ! ! !
------३या४ नैनो ! ! !(किसी के लिए )

---
और अंत मे इस गाने की पंक्तियाँ------कोई लाख करे चतुराई रे करम का लेख मिटे ना रे भाई-----(कवि तथा गायक प्रदीप जी ) -----

9 comments:

अनिल कान्त said...

mujhe bhi sochne par majboor kar diya

संगीता पुरी said...

बहुत बुरी खबर ... आज ये हाल है तो कल क्‍या होगा ?

महेन्द्र मिश्र said...

बुरी खबर है क्या कहें ऐसी औलादों को..........

दिनेशराय द्विवेदी said...

खबर बहुत बुरी है। संतानों को संस्कारित न कर पाने के नतीजे हैं। सांस्कृतिक संकट है यह।

विजय तिवारी " किसलय " said...

अर्चना जी
"कैसा रिश्ता ?? कौनसा धर्म ??? किसके संस्कार ????" बड़ी हृदय विदारक खबर है
लेकिन हम "करम का लेख मिटे ना रे भाई-" की रट न लगाएँ, अपराधी को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले जो उसके करम में भी न लिखी हो.
- विजय

विजय तिवारी " किसलय " said...
This comment has been removed by the author.
Hermit said...

Hmmm interesting.. Lets see.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

बेहद ह्रदयविदारक समाचार....सच है कि "कर्म गति टारे न टले"

संजय तिवारी said...

बहुत बुरी खबर ... आज ये हाल है तो कल क्‍या होगा ? इसी कारण कहते है कि
पूत सपूत तो क्यो धन संचय,पूत कपूत तो क्यो धन संच्अय