Wednesday, August 15, 2012

रविन्द्रनाथ ठाकुर (टैगोर)....तुझपे दिल कुर्बान...


रविन्द्रनाथ ठाकुर(टैगोर) की रचना दो पंछी-



और अब एक गीत- ऐ मेरे प्यारे वतन..

6 comments:

abhi said...

Thanks a lot bua is recording ke liye!!
dil khush ho gaya sunkar!

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

अर्चना, इन दोनों पंछियों का अंतर और दोनों के गान का माधुर्य यहाँ रहकर मैंने जाना है.. और गुरुदेव की कहानी पर बनी फिल्म का गीत ऐ मेरे प्यारे वतन आज भी दिल को छू लेता है!!

संजय @ मो सम कौन... said...

'काबुलीवाला' याद दिला दी\दिया आज तो आपने:)

Avinash Chandra said...

मुग्ध हुआ!

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुत..