Thursday, January 9, 2014

जब लिखो -

कम लिखो,अपना लिखो
जागी आँखों का सपना लिखो

कम लिखो ,सरल लिखो
बातें सच्ची और तरल लिखो

कम लिखो ,सटीक लिखो
गलत न हो बस ठीक लिखो

बातें जो लिखो कोरी न हो
तुमने किसी से चोरी न हो ....

जरूरी नहीं है कवि बनना
बनना ही है कुछ तो रवि बनना.................

- अर्चना (8/1/2014)

9 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

शुभ प्रभात का शुभ सन्देश... !!

प्रवीण पाण्डेय said...

आपसे शतप्रतिशत सहमत।

अनुपमा पाठक said...

बनना ही है कुछ तो रवि बनना.................

वाह!
कितनी सुन्दर बात कहती है कविता...!

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब ... रवि हो जाना तो लक्ष्य है जीवन का ...

शिवम् मिश्रा said...

सार्थक संदेश ... आभार दीदी |

कालीपद "प्रसाद" said...

बहुत सुन्दर
नई पोस्ट सर्दी का मौसम!
नई पोस्ट लघु कथा

प्रकाश गोविंद said...

जरूरी नहीं है कवि बनना
बनना ही है कुछ तो रवि बनना....
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बहुत सार्थक सुन्दर कविता
आभार !

कौशल लाल said...

सार्थक सुन्दर कविता.....

Onkar said...

बिल्कुल सही कहा