ये बाबा मिले थे पिछले साल वैष्णो देवी की पहाड़ी चढ़ते समय.... जब थोड़ा सुस्ताने के लिए मैं वत्सल और पल्लवी रूके एक शेड में तो ये आकर कहने लगे पैर की मालिश करवा लीजिए ...दर्द कम हो जायेगा ..इनकी उम्र और इनके काम को देखकर दर्द तो वैसे ही दूर हो गया था.....वे जब गुहार लगा रहे थे तब वत्सल ने फोटो निकालने का पूछा ...खडॆ होकर पोज़ दिया .... वे सोच रहे थे काम मिल जायेगा .... तब ये भाव थे चेहरे पर ...
फ़िर इन्हें पचास रूपये देकर कहा कि एक फोटो और लेना है ...मालिश नहीं करवानी ..... तो ये भाव आये इनके चेहरे पर ....
आज न जाने कहाँ होंगे ....दुबारा मुलाकात भी होगी या नहीं, नहीं मालूम,.... लेकिन इस उम्र में इतनी ऊंचाई पर दिल जीत ले गए ये हमारा ....
दो पल ही सही इनके चेहरे पर मुस्कान लाने में सफ़ल हुआ वत्सल ...अच्छा लगा ...
काश कि इनका नाम भी जान लिया होता .....
फ़िर इन्हें पचास रूपये देकर कहा कि एक फोटो और लेना है ...मालिश नहीं करवानी ..... तो ये भाव आये इनके चेहरे पर ....
आज न जाने कहाँ होंगे ....दुबारा मुलाकात भी होगी या नहीं, नहीं मालूम,.... लेकिन इस उम्र में इतनी ऊंचाई पर दिल जीत ले गए ये हमारा ....
दो पल ही सही इनके चेहरे पर मुस्कान लाने में सफ़ल हुआ वत्सल ...अच्छा लगा ...
काश कि इनका नाम भी जान लिया होता .....
2 comments:
इस चेहरे पर मुस्कान लाने का जो शुभ कार्य किया आप लोगों ने उसे जान कर हमारा मन भी प्रसन्न हो गया - साधुवाद स्वीकारें !
दोनों फोटो का अंतर दिल से आई मुस्कान दिखा रहा है ....
Post a Comment