Sunday, October 19, 2014

मनवा न लागत तुम बिन

सुनिए - आदरणीय कैलाश शर्मा जी की एक रचना - उनके ब्लॉग आध्यात्मिक यात्रा से

4 comments:

Kailash Sharma said...

आभार मेरी रचना को अपने स्वर में जीवंत करने के लिए...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर।
प्रकाशोत्सव के महा पर्व दीपावली की शृंखला में
पंच पर्वों की आपको शुभकामनाएँ।

बी एस पाबला said...

बढ़िया

अनूप शुक्ल said...

बढिया!