Friday, October 7, 2016

बस तुमसे ही है

अगर मैं दिखाई न दूँ , तो समझ लेना नहीं हूँ
वरना तो अपने होने से भला कौन इन्कार करता है ....
मेरा होना न होना एक सा ही है
हवा में महक तो बस तुमसे ही है...........
धूप में बन्द हो जाती है आँखे मेरी
और ये चाँद है कि आँख खोलने नहीं देता ......
चाँदनी को भी अब मतलब बस तुमसे ही है........
सुना है कोई सितारा चाँद के पास आया है
इन दिनों शाम से ही चमकता है,
और शायद ये चमक तुमसे ही है.....
अर्चना

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