मिल गया था उन्हें , तो लौटा भी रहे हैं
आप अच्छा नहीं कहते ये अलग बात है।
भुखमरी में भी अच्छे दिन हुआ करते हैं
आप अच्छा नहीं कहते ये अलग बात हैं।
ईमान से हम मन की बात लिखते हैं
आप अच्छा नहीं कहते ये अलग बात है।
हमको भी लोग, खूब पढ़ा करते हैं
आप अच्छा नहीं कहते,ये अलग बात है।
-अर्चना
3 comments:
Wao !!
Mai kahta hu achcha isme koi alag baat nhi
Vah kya bat hai
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