WHITE--------ये शीर्षक दिया है वत्सल ने अपनी पेंटिंग को और साथ में ये लाईन------------
So its the color white a combination of all the colors...:-)-----by Vatsal
सफेदी ..........मेरी कविता .......
लाल मिले जब पीले से -----केसरिया बन जाए,
केसरिया की छटा निराली ----पा- गगन इतराए,
लाल -धवल मिल बने गुलाबी ---- मदहोशी दिखलाए,
पीला मिले जब नीले से ---- हरियाली छा जाए ,
हरा रंग जब छाए धरती पर ---मन झूम-झूम जाए,
मन झूमे तो झूमे जीवन ---खुशहाली छा जाए,
काले संग जब लाल मिलाए --- लाली ही खो जाए,
लाली जब खोए जीवन से .......रंग धवल छा जाए ..........
13 comments:
बहुत सही!!
अरे वाह...!
यह तो बहुत सुन्दर बाल कविता है!
वत्सल की पेंटिंग और आप की कविता, बढ़िया कॉम्बो पैक लगा।
बहुत सुंदर भाव युक्त कविता
Maaf kijiyga kai dino bahar hone ke kaaran blog par nahi aa skaa
पेंटिंगऔर कविता दोनों लाजवाब।
................
नाग बाबा का कारनामा।
व्यायाम और सेक्स का आपसी सम्बंध?
आपकी कविता आनन्द आये।
दोनो ही बहुत सुंदर लगी जी
वाह
सुन्दर बाल कविता...
गंभीर दर्शन की बात कहती है ये कविता.. बालगीत तो नहीं लगती.. हाँ आसान शब्दों में गहरी बात कहती लगती है.. उतनी ही गहरी पेंटिंग भी है... समझने के लिए उतना ही गहरा डूबना होगा जितने में कलाकार गोता लगाये बैठा है...
KHOOBSOORAT!
pahle to aapki blog pic ne hi khinch liya mujhe yahan...phir yahan aakar ek ranbirangi si rachna padhi..aur kuch rang utar mujh mein..ab to aana hi hai :)
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