Saturday, May 25, 2013

तोहफे में मिला आख़िरी हर्फ़

आज आपकी मुलाक़ात एक नए ब्लॉग से --
पोस्ट यहाँ पढ़ सकते है आप - पहला साल 
सुन  है सकते है यहाँ --

10 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही सुंदर कहानी का चुनाव और आपकी आवाज में कहानी खुद बोलती सी लग रही है, बहुत शुभकामनाएं.

रामराम.

अरुन अनन्त said...

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (26-05-2013) के चर्चा मंच 1256 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत बेहतरीन सुंदर प्रस्तुति ,,बधाई

RECENT POST : बेटियाँ,

Ramakant Singh said...

सुप्रभात
दिल को छू गई कहानी और आपकी आवाज
निःशब्द करती अभिव्यक्ति

प्रवीण पाण्डेय said...

सुना और पढ़ा भी, सूची में डाल लिया है।

राजेश सिंह said...

कहानी ,
बोलती हुई

Laxman Bishnoi Lakshya said...

बहुत सुंदर
तौलिया और रूमाल

Anonymous said...

बहुत बहुत धन्यवाद आपका ,इतना सुन्दर पॉडकास्ट बनाने और उसे यहाँ पोस्ट करने के लिए...:-)

Tamasha-E-Zindagi said...

आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज २७ मई, २०१३ के ब्लॉग बुलेटिन-आनन् फ़ानन पर स्थान दिया है | बहुत बहुत बधाई |

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर.....
दी आपको और अंशु को बधाई....

सादर
अनु