Tuesday, October 1, 2013

बधशाला भाग दो

आशीष राय जी की कलम खूब चलती है ...युगदॄष्टि पर .....

तनि हम भी पूछ लें - नीक बा ?

4 comments:

ashish said...

आभार आपका .

प्रवीण पाण्डेय said...

पढ़ने का आनन्द सुनने के बाद और भी बढ़ जाता है।

दिगम्बर नासवा said...

वाह सुनने का अलग ही मज़ा है ... वो भी आपकी आवाज़ में ...

Ramakant Singh said...

प्रकृति का मानवीकरण और आपकी बेहतरीन प्रस्तुति