Monday, May 30, 2011

गेट वेल सून ........

कई दिनों से तबियत ख़राब चल रही है ...... अब गीतों की ऐसी आदत पड़ गई है कि पॉडकास्ट नहीं  लगाने से ब्लॉग सूना लग रहा है ......ऐसे में एक पॉडकास्ट उपहार में मिला है ........आप भी सुनिए



..बताइए किसकी आवाज है ..कैसी लगी ?.......और ..रचना किसकी है ?..........इनके बारे में अगली पोस्ट में ..........छुपे हीरे है ये भी...........

 

Thursday, May 26, 2011

हाथों की चंद लकीरें ........

अपने महबूब का हर लफ्ज़ याद आता है ,
याद आता है- हर पल, हर लम्हा ,
हर लम्हा वो,जो बिताया था साथ,
सिर्फ साथ ही नहीं ,थामे हाथ में हाथ,
हाथों में अब फिर से नजरें थमी हैं,
लगता है इनमें लकीरों की कमी है ...

Tuesday, May 24, 2011

एहसास...

पहले नजरे भी मुझे चुभा करती थी ,
अब चेहरा ही ऐसा नहीं की देखे कोई,
कीलो के भी चुभने का एहसास नहीं होता,
अब चाहे जितनी नजरे गड़ा ले कोई ||

Monday, May 23, 2011

मुझे नहीं लगता ..

किसी के लिखे को बुरा कहने का दुस्साहस नहीं क़र पाती मै ,
क्योकि खुद मुझे नहीं पता कि कितना बुरा लिखती हूँ मै,
समझ नहीं आता मेरे लिखे को अच्छा कैसे कहता होगा कोई ,
क्या मुझसे भी बुरा लिखता होगा कही कोई ....

Sunday, May 22, 2011

किसी को पता है ?

किसी से सुना है एहसानों के बोझ तले दब जाता है आदमी,
पर पता नहीं एहसानों को उठाने कब जाता है आदमी..........

Friday, May 20, 2011

बस कहे देती हूँ ...

मेरा लिखा मत पढ़ना तुम,
मै तो बस लिख देती हूँ "मेरे मन की",
मुझे ये भी पता है ,तुम न मानोगे,पढोगे,फिर कुछ कहोगे,

और फिर यही वजह होगी अपनी अनबन की........

Tuesday, May 17, 2011

मेरे अनुज की रचनाएं --

मेरे अनुज के ब्लॉग "घोंसला" से उसकी कुछ रचनाएं.....ब्लॉगर की मेहरबानी से एक बार फ़िर से ----(दो सुन चुके होंगे --दो बाकी हैं )


 काश सुन पाते----



अनुभव---



न जाने क्यों----



बिटिया----



Saturday, May 14, 2011

कभी धूप -कभी छाँव

जून २००९ में मैंने और रचना ने एक साथ गाया था ये गीत.........बहुत मुश्किल आई थी...एक तो गाना आता नहीं था...रिकार्ड करना भी तभी सीखा था..हेडफ़ोन को हम दोनों नेबीच में पकड़ लिया था हाथ में .........और जैसे ही गाना शुरू करते हँसी भी शुरू.........ऊपर से पल्लवी और निशी भी कम नहीं थे हँसाने को...पर वो सेर तो हम भी सवा सेर .....उन्हें कमरे से बाहर निकालकर ....कम से कम .२५-३० बार कोशिश की तब हो पाया था.....
आजकल पुराने गीत ही सुन रही हूँ ...उसी में मिला....याद ताजा कर गया.............आप भी सुने ---




Thursday, May 5, 2011

वाह ! ! ! क्या कमाल गीत है...

" भारतीय नागरिक " (जी यही नाम पता है उनका) के ब्लॉग पर सुना था ये गीत...और आदत से लाचार हो ये किया----
आप भी सुनिए--- पहले एकल



और अब युगल -- सी.एच.आत्मा जी के साथ..


  बहुत-बहुत आभार "भारतीय नागरिक" जी का.............................





Tuesday, May 3, 2011

"गर्भनाल", अंक ५४ - मई २०११ , पेज नम्बर ४२...

हा हा हा.....ये शीर्षक है जो सब कुछ बता रहा है....जो कहीं और नही छपा है...मेरे लिए पहला मौका है ..सुनिए यहाँ--- 



विश्वास न हों तो देख लें---( यहाँ किसी और दिन छाप दूँगी )
ये रही लिन्क-----
http://www.garbhanal.com/Garbhanal%2054th.pdf 

अगर देखने जा रहे हों तो आकर बताएं..पता तो चले कितने लोग विश्वास नहीं करते मुझ पर.....