Sunday, September 5, 2010

ब्लॉगजगत के सभी गुरुजनों को सादर नमन ....शुभकामनाएं........

सादर नमन ........ब्लॉग जगत से जब से परिचय हुआ है ,तब से किसी न किसी व्यक्ति से कुछ न कुछ सीखने को मिला है ....सभी गुरुजनों को मेरा नमन ..... वे अपना आशीर्वाद  बनाए रखेंगे मुझ पर ...इसी आशा के साथ .....
आज प्रस्तुत है दिलीप की लिखी एक वन्दना.....   "दो मुझे वरदान माँ ".........................उनके ब्लॉग " दिल की कलम " पर आप इसे पढें......

12 comments:

Dr.J.P.Tiwari said...

Nice, aapko bhi naman, is vichaar ko bar- bar naman.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
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ज्ञानदात्री माँ सरस्वती को नमन!

दिनेशराय द्विवेदी said...

मृदुल स्वर में मधुर गीत!!!

फ़िरदौस ख़ान said...

मधुर गीत...

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काको लागूं पायं।
बलिहारी गुरु आपने जिन गोविन्द दियो बताय।।

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं....

संजय कुमार चौरसिया said...

शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई!

मधुर गीत...

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत सुन्दर। बहुत बधाई।

राजीव तनेजा said...

किसी लेखक की रचना को अगर स्वर मिल जाए तो उसका मूल्य पहले से बहुत गुणा ज्यादा बढ़ जाता है...
दिलीप जी का तथा आपका बहुत-बहुत आभार

शरद कोकास said...

बहुत मीठी आवाज़ है आपकी ।

उम्मतें said...

सुन्दर !

संजय भास्‍कर said...

दिलीप जी का तथा आपका बहुत-बहुत आभार

Udan Tashtari said...

शुभकामनाएं.....

Udan Tashtari said...

शुभकामनाएं.....