Thursday, August 9, 2012

स्याम म्हाने चाकर राखो जी...




प्रस्तुत है मीराबाई की एक रचना- (स्वर-अर्चना)...


स्याम म्हाने चाकर राखो जी,
गिरधारी लाला म्हाने चाकर राखो जी।
चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ, नित उठ दरसण पास्यूँ।
बिंदरावन री कुँज गली में, गोविंद लीला गास्यूँ।
चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची।
भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूँ बाताँ सरसी।
मोर मुकट पीतांबर सौहे,गल वैजंती माला।
बिंदरावन में धेनु चरावे,मोहन मुरली वाला।
उँचा-उँचा महल बणावं बिच-बिच राखूँ बारी।
साँवरिया रा दरसण पास्यूँ,पहर कुसुंबी साड़ी।
आधी रात प्रभु दरसण दीज्यो, जमनाजी रे तीरां।
मीरा रा प्रभु गिरधर नागर,हिवड़ो घणो अधीराँ।
- मीराबाई



15 comments:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

यहाँ भी कृष्णमय वातावरण बना हुआ है और तुम्हारे इस भजन ने बाकी कमी भी पूरी कर दी!!

प्रवीण पाण्डेय said...

सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनायें..

डॉ. मोनिका शर्मा said...

हार्दिक शुभकामनायें ...बहुत सुंदर भजन

Bhawna Kukreti said...

जन्माष्टमी की शुभकामनायें

मुकेश कुमार सिन्हा said...

rajasthani me hai na ...:)

Ramakant Singh said...

कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं ....सुन्द्स्र गायन संग सुन्दर बोल

Smart Indian said...

हार्दिक शुभकामनायें!

मेरा मन पंछी सा said...

सुन्दर गीत,,
शुभकामनाये
:-)

Avinash Chandra said...

सुन्दर भजन! जन्माष्टमी की बहुत सी शुभकामनायें..

प्रेम सरोवर said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति! मेरे नए पोस्ट "छाते का सफरनामा" पर आपका हार्दिक अभिनंदन है। धन्यवाद।

Girish Kumar Billore said...

वाह
क्या बात है

मनोज कुमार said...

जन्माष्टमी की शुभकामनायें!

कृष्ण जी का आशीर्वाद सदा रहे!!

जय श्री कृष्ण !!!

देवेन्द्र पाण्डेय said...

इस भजन का आरोह अवरोह कठिन है। आपने मेहनत से निर्वाह किया है। सुनकर बहुत अच्छा लगा।

Anju (Anu) Chaudhary said...

jai shree krishn

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर भजन !