नन्ही कलाकार आर्या शुक्ला से आप अपरिचित नहीं हैं ....--
आज एक और बात बताना चाहती हूँ कि राष्ट्र के प्रति प्रेम को दिखाने की जरूरत नहीं होती ...इसे महसूस किया जाना चाहिए ..... और अपने बच्चों को इस भावना से रूबरू करवाना माता-पिता का कर्तव्य है....
आर्या के माता-पिता हर वर्ष पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी को आर्या की स्कूल आते हैं और कार्यक्रम के साक्षी और सहभागी बनते हैं .....
आर्या के माता -पिता का इस कार्य के लिए अभिनन्दन .....
प्रस्तुत है आर्या शुक्ला की आवाज में उनके पापा प्रशान्त शुक्ला की लिखी एक कविता ---
गणतंत्र दिवस की बधाई आप सभी को .......