Thursday, October 29, 2015

जन्मदिन

अब ले दे कर जो भी मौका मिलता है खुशियों को भूनने का तो भुना लेते हैं ---- माँ और बेटा ,कुल मिलाकर दो जने ...
लेकिन 
घर भर दिया 
और घर के साथ-साथ 
आप सबको भी शामिल कर लिया ....





....


इतने स्नेह और प्यार के लिए धन्यवाद !

1 comment:

कविता रावत said...

लेकिन हमको शामिल करके केक तो काटा नहीं,,,..दो जने दो पेस्ट्री .... cake due रहा ..
जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनांयें!