लाल बत्ती यानी खतरा। .. बचपन में सबसे पहले लाल बत्ती का मतलब सीखा सड़क पर। ..जब गांव से कभी शहर आते तो चौराहे पर खड़े हो बत्ती को बड़े प्यार से देखते कब हरी हो......... और सड़क पार करते समय , पहले दाएँ देखो फिर बाँए देखो और कर लो सड़क पार।
लाल रंग खतरे का निशान कब से हुआ शायद ही किसी को पता हो मगर ये तो बचाता है खतरे से आगाह करके। ...
फिर बत्ती को देखा सिनेमा में जब कोई सीन एक्सीडेंट या बीमारी वाला होता तो एम्बूलेंस लालबत्ती घुमाते तेज भागती और सीधे अस्पताल पहुंचकर ही दम लेती ऑपरेशन थियेटर की बत्ती जलती -बुझती दिखाई देती और हम हाथों से कुर्सियों के हत्थे भींच लेते। ..
जब थोड़े बड़े हुए तो कॉलेज में सामना हुआ इस लालबत्ती से - कोई गर्ममिजाज लड़की को देखकर मेरे दोस्त कहते वो देख लालबत्ती आ रही है। .. :-)
तब तक समझ आ गया था की ये लाला रंग ही खतरे की पहचान है , किशोर दा भी सुनाया करते थे -=ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा। ...
फिर शादी हुई तो लाली इस कदर छाई की जित देखूं तित लाल नज़र आने लगा। ... मांग भरी ,बिंदिया सजाई ,लाल चूनर ,लाल चूड़ियाँ पहनी होंठ लाल किये। ...
लेकिन लालबत्ती का असल मतलब तब समझा - जब दो महीने तक हर दिन अस्पताल के आई सी यू के बाहर बैठना पड़ा। ... हर पल उस बत्ती पर निगाह ठहरी रहती। ... जो लाल होती। ..अंदर जो शख्स होता उसके साथ जाने कितनी जिंदगियां ठहर जाती। ... लाल रंग लहू का तब समझा जब दौड़ दौड़ कर लोग रक्तदाता को खोजते। ...
जीवन का अंत होता है , तो हर जगह से लाली गायब हो जाती है। .. कोई भागम भाग नहीं। .सब कुछ ठहर सा जाता है।
एक बात बचपन से लेकर आजतक कभी समझ नही आई - नेता लाल बत्ती की गाड़ी में सायरन बजाते हुए सदा भागते क्यों रहते हैं। .... क्या उनके लिए लाल बत्ती मतलब भागो भागो भागो। ..पब्लिक से ,पब्लिक के सवालों से। ... :-) क्या उनके लिए ये बचाव का तरीका है ?
काश वे समझें - लालबत्ती रूकने का सबब है। .... इससे निजात पाकर वे ठहरें। ..और फिर समझें ठहराव वाली जिंदगियां आखिर कितनी ठहर गई हैं कि लाल रंग आँखों में उतर आया। ..
लाल रंग खतरे का निशान कब से हुआ शायद ही किसी को पता हो मगर ये तो बचाता है खतरे से आगाह करके। ...
फिर बत्ती को देखा सिनेमा में जब कोई सीन एक्सीडेंट या बीमारी वाला होता तो एम्बूलेंस लालबत्ती घुमाते तेज भागती और सीधे अस्पताल पहुंचकर ही दम लेती ऑपरेशन थियेटर की बत्ती जलती -बुझती दिखाई देती और हम हाथों से कुर्सियों के हत्थे भींच लेते। ..
जब थोड़े बड़े हुए तो कॉलेज में सामना हुआ इस लालबत्ती से - कोई गर्ममिजाज लड़की को देखकर मेरे दोस्त कहते वो देख लालबत्ती आ रही है। .. :-)
तब तक समझ आ गया था की ये लाला रंग ही खतरे की पहचान है , किशोर दा भी सुनाया करते थे -=ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा। ...
फिर शादी हुई तो लाली इस कदर छाई की जित देखूं तित लाल नज़र आने लगा। ... मांग भरी ,बिंदिया सजाई ,लाल चूनर ,लाल चूड़ियाँ पहनी होंठ लाल किये। ...
लेकिन लालबत्ती का असल मतलब तब समझा - जब दो महीने तक हर दिन अस्पताल के आई सी यू के बाहर बैठना पड़ा। ... हर पल उस बत्ती पर निगाह ठहरी रहती। ... जो लाल होती। ..अंदर जो शख्स होता उसके साथ जाने कितनी जिंदगियां ठहर जाती। ... लाल रंग लहू का तब समझा जब दौड़ दौड़ कर लोग रक्तदाता को खोजते। ...
जीवन का अंत होता है , तो हर जगह से लाली गायब हो जाती है। .. कोई भागम भाग नहीं। .सब कुछ ठहर सा जाता है।
एक बात बचपन से लेकर आजतक कभी समझ नही आई - नेता लाल बत्ती की गाड़ी में सायरन बजाते हुए सदा भागते क्यों रहते हैं। .... क्या उनके लिए लाल बत्ती मतलब भागो भागो भागो। ..पब्लिक से ,पब्लिक के सवालों से। ... :-) क्या उनके लिए ये बचाव का तरीका है ?
काश वे समझें - लालबत्ती रूकने का सबब है। .... इससे निजात पाकर वे ठहरें। ..और फिर समझें ठहराव वाली जिंदगियां आखिर कितनी ठहर गई हैं कि लाल रंग आँखों में उतर आया। ..
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