Sunday, April 30, 2017

जैसे हवाई चप्पल के दिन बहूरे , वैसे सबके बहूरे - समीरलाल "समीर" जी का व्यंग्य


आज एक पॉडकास्ट समीरलाल "समीर" जी का -

जैसे हवाई चप्पल के दिन बहूरे , वैसे सबके बहूरे



2 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत धन्यवाद....सुनकर आनन्द आ गया ...चार चाँद लग गये :)

अरुण चन्द्र रॉय said...

shandaar vyangy aur aapka wachan bhi..