Sunday, June 6, 2010

मधुबाला -----नैसर्गिक सुन्दरता



मधुबाला -----नैसर्गिक सुन्दरता 

ये पेंटिंग वत्सल और उसके दोस्त सुमित  ने मिलकर बनाई है ........अपने कमरे की दीवार  पर स्केल और पेन्सिल की मदद से............वत्सल के अनुसार उन दोनों ने ये पेंटिंग २-३ दिन में कुल १२-१४ घंटे का समय देकर बनाई .............कुल ५ पेन्सिल (६-बी ) का उपयोग किया 



और इसका साईज़ है .......७०" X ४२".........................कुछ इतना ....
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और ये रहें चित्रकार .............



11 comments:

संजय कुमार चौरसिया said...

penting bahut hi sundar,

usse kahin sundar, madhubaala ki sundarta

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

के सी said...

बहुत सुंदर
दीवारों पर चित्रकारी करना जैसे किसी सोये हुए महबूब को संवारना

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही सुंदर लगी यह चित्र कारी. धन्यवाद

vandana gupta said...

बहुत ही सुन्दर …………………।कल के चर्चा मंच पर आपकी पोस्ट होगी।

Pramendra Pratap Singh said...

सच मे सुन्‍दरता मे चार चॉंद है तस्‍वीर

दिगम्बर नासवा said...

सुंदर चित्रकारी ...

Smart Indian said...

अरे वाह, बहुत पहुंचे हुए कलाकार है ये दोनों तो.

अन्तर सोहिल said...

कमाल की कलाकारी है जी
दोनों चित्रकारों से मिलवाने का शुक्रिया

प्रणाम

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

Ek ladkee bheegi-bhagee si!!!
Behad khoobsoorat chitr!
MADHUBAAAALAAA!

संजय भास्‍कर said...

दोनों चित्रकारों से मिलवाने का शुक्रिया

चला बिहारी ब्लॉगर बनने said...

जितनी सुन्दर मधुबाला उतनी सुन्दर उनकी यह तस्वीर... और सबसे सुन्दर तो मेरा भांजा है.. जिसके मन की सुन्दरता ने उस नैसर्गिक सुन्दरता को अंतर्मन में उतारा.. बिना उसके यह सम्भव नहीं हो पाता!!
जीते रहो वत्स, वत्सल!!