मधुबाला -----नैसर्गिक सुन्दरता
ये पेंटिंग वत्सल और उसके दोस्त सुमित ने मिलकर बनाई है ........अपने कमरे की दीवार पर स्केल और पेन्सिल की मदद से............वत्सल के अनुसार उन दोनों ने ये पेंटिंग २-३ दिन में कुल १२-१४ घंटे का समय देकर बनाई .............कुल ५ पेन्सिल (६-बी ) का उपयोग किया
और इसका साईज़ है .......७०" X ४२".........................कुछ इतना ....
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11 comments:
penting bahut hi sundar,
usse kahin sundar, madhubaala ki sundarta
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
बहुत सुंदर
दीवारों पर चित्रकारी करना जैसे किसी सोये हुए महबूब को संवारना
बहुत ही सुंदर लगी यह चित्र कारी. धन्यवाद
बहुत ही सुन्दर …………………।कल के चर्चा मंच पर आपकी पोस्ट होगी।
सच मे सुन्दरता मे चार चॉंद है तस्वीर
सुंदर चित्रकारी ...
अरे वाह, बहुत पहुंचे हुए कलाकार है ये दोनों तो.
कमाल की कलाकारी है जी
दोनों चित्रकारों से मिलवाने का शुक्रिया
प्रणाम
Ek ladkee bheegi-bhagee si!!!
Behad khoobsoorat chitr!
MADHUBAAAALAAA!
दोनों चित्रकारों से मिलवाने का शुक्रिया
जितनी सुन्दर मधुबाला उतनी सुन्दर उनकी यह तस्वीर... और सबसे सुन्दर तो मेरा भांजा है.. जिसके मन की सुन्दरता ने उस नैसर्गिक सुन्दरता को अंतर्मन में उतारा.. बिना उसके यह सम्भव नहीं हो पाता!!
जीते रहो वत्स, वत्सल!!
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